Different parts of the computer system"
दोस्तों आज हम आपको computer के पार्ट के बारे में जानेगे ऐक्यूरेसी (Accuracy)एक कम्प्यूटर की ऐक्यूरेसी अथवा परिशुद्धता हमेशा हाई (high) होती है एवं एक विशेष कम्प्यूटर की ऐक्यूरेसी की डिग्री, उसके डिज़ाइन पर निर्भर करती है। लेकिन एक विशेष कम्प्यूटर के लिए, प्रत्येक कैलकुलेशन समान ऐक्यूरेसी से किया जाता है। कम्प्यूटर में ऐरर (error) हो सकता है लेकिन यह मुख्यतः तकनीकी कमियों से ज्यादा मानव ऐक्शन के कारण होता है। अर्थात् प्रोग्रामर
की गलत सोच के कारण (प्रोग्रामर वह व्यक्ति होता है जो एक निश्चित समस्या को सुलझाने के लिए
कम्प्यूटर के लिए निर्देश लिखता है) या गलत डाटा इनपुट (input) करने के कारण ऐसा होता है।
कन्सिस्टेसी (Consistency)
मानव के ठीक विपरीत, कम्प्यूटर्स वो मशीन्स हैं जो बहुत अधिक कन्सिस्टेंट (Consistent) होती है अर्थात्
ये अविरोधी रूप में कार्य करती हैं। ये कभी बोर भी नहीं होती हैं। कम्प्यूटर कभी भी इस बात की शिकायत
नहीं करते हैं कि उन्हें हमेशा एक जैसा ही काम करना पड़ता है। अतः ये रिपीटीटिव (repetitive) और
वॉल्यूमिनस (voluminous) कार्य
को वर्ष के 365 दिन और 24 घंटे तक कर पाने के लिए एक आदर्श मशीन है।
आजकल के कम्प्यूटर्स बहुत सारा डाटा (data) स्टोर कर सकते हैं।
एक बार रिकॉर्ड होने के बाद, सूचना का एक छोटा सा भाग भी भूला नहीं जाता है। (जब तक कि कोई समस्या न हो जाए) और कोई भी
सूचना प्राय: तुरंत ही प्राप्त की जा सकती है। आपको स्टोरेज क्षमता का आइडिया देने के लिए,
एक CDROM में एक पूरी
Britanica) आ सकती है या इससे भी अधिक। एक पूरी मूवी Movie) को | CD पर स्टोर करके रखा जा सकता है और इसे कम्प्यूटर पर बिना गड़बड़ी के बहुत बार चलाया जा सकता है।
फ्लेक्सिबिलिटी (Flexibility)
एक कम्प्युटर शायद पहली जनरल परपस (general purpose) मशीन है जिसे मानव ने बनाया था। अन्य सभी मशीन्स जैसे टेलीवीजन्स, रेफ्रीजरेटर, या टाइपराइटर्स, केवल एक ही काम करते हैं जिसके लिए उन्हें बनाया गया है। इनके ठीक विपरीत, एक कम्प्यूटर में म्यूजिक चल सकता है, इसे मूवीज़ देखी जा सकती हैं, लेटर्स टाइप किए जा सकते हैं, फैक्स भेज सकते हैं,
बीमारी को डायग्नोज़ (diagnose) कर सकते हैं, कॉम्प्लेक्स मैन्यूफैक्चरिंग
ऑपरेशन्स (complex manufacturing operations) में प्रॉबलम्स (समस्या ) को फ़िक्स कर सकते हैं, बिल्डिंग (building) और ब्रिजेस (bridges) को डिजाइन कर सकते हैं आदि। अन्य शब्दों में कहा जाए तो कम्प्यूटर के कार्यों में लचीलापन या फ्लेक्सिबिलिटी होती है।
नोट → कम्प्यूटर एक वर्साटाइल (versatile) मशीन है और इसका उपयोग केवल आपकी कल्पना (imagination) के द्वारा ही सीमित किया जा सकता है। आजकल के तेजी से विकसित होने वाले तकनीकी विश्व में, एक ऐसा एरिया हूँढना बहुत ही मुश्किल या शायद नामुमकिन ही होगा जहाँ कम्प्यूटर्स का प्रयोग हमारे फायदे के लिए नहीं होता हो।
NOT →एक पेरोल (payroll) प्रिंट करने के लिए, प्रोग्राम या निर्देशों का एक सैट प्रयोग किया जा सकता है,
जबकि कुछ डिजाइन बनाने के लिए, उसी कम्प्यूटर का प्रयोग अलग निर्देशों का सैट प्रयोग करके किया जा सकता है।
कम्प्यूटर के कुछ कॉमन (common) उपयोग दिखाए गए हैं और इसकी जानकारी नीचे दी जा रही है।
आजकल कम्प्यूटर्स, यूनीवर्सिटीज़ में शिक्षा तकनीक का एक अहम् । हिस्सा हैं।
कम कीमत के कारण, PCS (पर्सनल कम्प्यूटर्स) आजकल इसके द्वारा भी अपना अकाउन्ट मेन्टेन करने के लिए प्रयोग कम्प्यूटर्स का प्रयोग मल्टीनेशनल कंपनीज़ (Multinatic COMPANIES )द्वारा पूरे विश्व में उनका बिज़नेस मैनेज करने के लिए हो रहा है ।
कम्प्यूटर, मैनेजमेंट को बिज़नेस पोजीशन के बारे में डेड . टेक्स्ट और ग्राफ़िक रूप जैसे चाट्स, ग्रास आदि में तुरंट और बहुत - कीमत पर प्रदान करते हैं। इसलिए, मैनेजर्स, बिज़नेस से संबंधित नियम तरीके से एवं बिना किसी देरी के ले सकते हैं। कम्प्यूटर का प्रयोग करके मैनेजर्स सिमुलेशन (Simulation) या व्हाट इफ ऐनालिसिस (what if analysis) भी कर सकते हैं ताकि वे यह जान सके कि भविष्य में उनके इस निर्णय का असर बिज़नेस पर कैसा होगा।
मूवीज़ (Movies), ऐनीमेशन फिल्म्स (Animation Films), न्यूजपेपर्स (News papers) और टीवी (TV) में आने वाले विज्ञापन, आदि में कम्प्यूटर का व्यापक प्रयोग होता है। आपने एक टीवी शो में कौन बनेगा करोड़पति सीरियल देखा होगा, जहाँ दर्शकों को आकर्षित करने के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है। मनोरंजन इंडस्ट्री कम्प्यूटर का प्रयोग मूवीज़ के प्रोडक्शन की योजना बनाने एवं विभिन्न प्रकार के स्पेशल इफेक्ट्स (special clfects) बनाने में भी करती है। अधिकतर ऐनीमेशन फिल्म्स एक कम्प्यूटर पर ही बनाई जाती हैं और बाद में इन्हें टेलीविज़न माध्यम पर ट्रांसफर किया जाता है।
ई-मेल या इलेक्ट्रॉनिक मेल, जहाँ हम लंबे मैसेज (संदेश), रिपोर्ट्स आदि को विश्व में कहीं भी, बहुत सारे लोगों को, बहुत ही कम कीमत पर भेजने के लिए, एक कम्प्यूटर और एक टेलीफोन लाइन का प्रयोग करते हैं।
संदेशों को ट्रांसफर करने में ई-मेल के प्रयोग से समय एवं कागज की बचत होती है। इसके अलावा, जो व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक मैसेज प्राप्त करता है। वह इन्हें अपने पीसी पर सेव कर सकता है ताकि बाद में इनका प्रयोग कर सके, उन्हें पढ़ सकता है. उनका उत्तर दे सकता है, उन्हें
कम्प्यूटर्स का प्रयोग कम कीमत पर दूसरे देश के लोगों से टेलीफोन पर बात करने के लिए भी किया जाता है।
हम इसे इंटरनेट टेलीफ़ोनी (Internet Telephony) कहते हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में, कम्प्यूटर्स का प्रयोग, मरीजों का रिकॉर्ड रखने जैसे बहुत सरल कार्य से लेकर,
सर्जरी के दौरान रोबोट का कंट्रोल करने में सर्जन्स की मदद करने जैसे जटिल काम में भी होता है।
कम्प्यूटर हार्ट बीट (heart beat), ब्लडप्रेशर (bloodpressure) आदि को
मॉनिटर करने के लिए भी बनाए जाते हैं और ये मरीजों की हिस्ट्री भी मेन्टेन (maintain) करते हैं। कम्प्यूटर्स का प्रयोग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में, डिजाइन स्टेज (design stage) से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस
कंट्रोल (Manufacturing Process Control) में भी किया जाता है।
कम्प्यूटर एडेड डिज़ाइन (Computer Aided Design (CAD)), ने किसी भी मशीन को वास्तव
में बनाए बिना ही उसकी डिजाइननिंग (Designing),
टैस्टिंग (Testing) और मॉडिफाइंग (Modifying) को संभव बनाया है।
अब कोई भी व्यक्ति, अंतिम प्रोडक्शन का निर्णय लेने से पहले,
कम्प्यूटर जनरेटेड इमेज (computer generated image) पर उस मशीन को देख और सिमुलेट कर सकता है।
एक बार जब डिज़ाइन ऐक्सेप्ट हो जाती है, तो कम्प्यूटर ऐडेड
मैन्यूफैक्चरिंग (Computer Aided Manufacturing (CAM)) प्रक्रिया का प्रयोग करके,
कोई भी व्यक्ति इस तरह के प्रोडक्ट्स को बड़ी संख्या में, तेजी से और कम मेहनत के बना सकता है।
कम्प्यूटर्स का प्रयोग आर्किटेक्ट्स (Architects) द्वारा, बड़ी बिल्डिंग्स को ड्रॉ और डिजाइन करने तथा
ये भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदा को झेलने में समर्थ होंगे या नहीं, इस की जाँच करने में किया जाता है।
एक होने वाला मकान मालिक, यह भी अनुभव कर सकता है कि वह बिल्डिंग के अंदर एक रूम में है
और उसे अलग अलग एंगल्स (angles) से देख सकता है जिसमें अलग अलग प्रकार के फर्नीचर
अरेंजमेंट्स, (furniture arrangement) लाइटिंग और वॉल कलर्स (wall colours) आदि शामिल हैं।
इससे बिल्डिंग बनने के बाद यदि कोई भी डिजाइन में परिवर्तन चाहता है तो उससे बचा जा सकता है। |
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में, कम्प्यूटर्स का प्रयोग उन इंटीग्रेटेड सर्किट्स को डिजाइन और टैस्ट करने के लिए
होता है जिनका प्रयोग रेडियो, टीवी, खिलौनों एवं कम्प्यूटर्स में किया जाता है।
DTP या डेस्कटॉप पब्लिशिंग (Desk Top Publishing), कम्प्यूटर के कुशल उपयोग के कारण ही एक नया क्षेत्र बनाया गया।
DTP में एक कम्प्यूटर और एक लेजर प्रिंटर की मदद से कोई भी, पुस्तकों को आसानी से डिज़ाइन करके लिख सकता है।
आजकल DTP के प्रयोग से, देश के विभिन्न भागों में न्यूजपेपर्स (News Papers) को डिजाइन किया जाता है, इन्हें एक जगह पर प्रिंट किया जाता है और फिर इनका डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है ताकि ये हमें रोज सुबह मिल सके।
पुस्तक लिखने के कई कार्य जो पहले हाथ से किए जाते थे जैसे इंडेक्स बनाना आदि, और इनमें कई घंटे लगते थे, अब ऑटोमैटिक रूप से पर्सनल कम्प्यूटर और DTP सॉफ्टवेयर जैसे MS-Word की मदद से किए जा सकते हैं।
बैंक्स में कम्प्यूटर्स का व्यापक प्रयोग होता है।
कम्प्यूटर के उपयोग ने ही बैंक्स को उनके द्वारा दी जाने वाली कई सुविधाएँ बेहतर बनाने की अनुमति प्रदान की। अब कोई भी व्यक्ति ATM (ऑटोमैटेड टेलर मशीन) (Automated Teller Machines) का प्रयोग दिन के 24 घंटों में कभी भी कैश जमा करने और निकालने के लिए कर सकता है।
अब बैंक अकाउन्ट्स का पूरा बुककीपिंग (Bookkeeping) का काम कम्प्यूटर्स के द्वारा ही होता है।
अब डिपॉज़िट (Deposit), विथड्रॉअल (withdrawal), इंट्रेस्ट चार्जेस आदि के बारे में सूचना, कम्प्यूटर्स द्वारा ही मैनेज की जाती है।
जब बैंक की अलग अलग ब्रांचेज़ न्यूटर नेटवर्क के द्वारा कनेक्टेड होती हैं, तो इंटरब्रांच ट्रांजैक्शन (Interbranch Transaction) जैसे चैक्स की क्लीयरिंग, भी कम्प्यूटर्स द्वारा तुरंत की जा सकती है।
इसके अलावा यदि बैंक की ब्रांचेज़ इंटरकनेक्टेड होती हैं तो कोई भी व्यक्ति बैंक की किसी भी ब्रांच से पैसा निकाल सकता है या उसमें जमा करा सकता है।
आप कम्प्यूटर्स पर घंटों तक गेम्स खेल सकते हैं। गेम्स मनोरंजक और शिक्षाप्रद दोनों तरह के हो सकते हैं। ऐक्शन गेम्स आपको, कठिन परिस्थितियों में फाइट करके भी अपना रास्ता निकालने की पोजीशन में डालते हैं। आप एक स्पेस पाइलट की तरह अनुभव कर सकते हैं जो स्पेस पर आक्रमण करने वालों से लड़ता है या आप एक छोटी सी चीज बन कर भूतों (ghosts) से बचने का अनुभव कर सकते हैं।
ऐडवेंचर गेम्स, दूसरी मुख्य श्रेणी के कम्प्यूटर गेम्स हैं। इस तरह के गेम्स, लोकप्रिय गेम Dungeons and Dragons की तरह के होते हैं।
अन्य गेम्स आप को लॉजिकल डिडक्शन (logical deduction) का प्रयोग करके प्रॉबलम सॉल्व करने के लिए कहते हैं।
आप या तो एक मर्डर मिस्ट्री सॉल्व कर रहे होते हैं, या एक क्रेजी बर्ड के साथ लड़ रहे होते हैं। दोनों ही उदाहरणों में
आपको सोचना होगा कि आप क्या करने जा रहे हैं। अन्य प्रकार के कम्प्यूटर गेम्स में फुटबाल, क्रिकेट, कार्ड गेम्स आदि का सिमुलेशन शामिल हैं।
शिक्षा (Education)
कम्प्यूटर बेस्ड ट्रेनिंग (CBT), कम्प्यूटर असिस्टेड लर्निग (CAL) और कम्प्यूटर
असिस्टेड इन्स्ट्रक्शन (CAI) प्रोग्राम्स उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग करके, आप बेसिक से लेकर ऐडवांस्ड विषय जैसे मैथ्स (Maths), फिजिक्स (Physics), बायोलॉजी (Biology) आदि सीख सकते हैं।
रिसर्चर्स (शोधकर्ताओं) का ये विश्वास है कि जब एक नया कॉन्सेप्ट स्टूडेंट्स के सामने,
एक कम्प्यूटर से ऑडियो-वीडियो माध्यम के द्वारा लाया जाता है तो वे उस विषय को बेहतर तरीके से और जल्दी सीख सकते हैं।
आजकल, लोग भी कम्प्यूटर्स का प्रयोग अपने रिकॉर्ड्स कीपिंग के लिए और अपने इन्वेस्टमेंट, इन्कम, एक्सपैंडीचर तथा सेविंग्स की ऐनालिसिस करने के लिए करते हैं। MS-Money नाम का एक पर्सनल फाइनेन्शियल पैकेज इसी तरह के काम के लिए उपलब्ध है।
यह पैकेज इन्कम, इंट्रेस्ट, इन्श्यारेंस आदि को कैलकुलेट करने एवं पेमेंट्स के लिए चैक्स फिल करने तथा इन्कम टैक्स कैलकुलेशन्स में मदद करते हैं।
स्पेशलाइज्ड प्रोग्राम्स जैसे Tally 9, आदि उपलब्ध हैं जो कम्पनी के फाइनेन्शियल अकाउंट्स (Financial Accounts) और इन्वेंट्री मैनेजमेंट (Inventory Management) को हैंडल करते हैं।
कम्प्यूटर्स के प्रयोग से, अकाउंट्स मेंटेन करने का काम बहुत आसान हो गया है।
एक ऑपरेटर जिसे थोड़ी भी अकाउंटिंग की जानकारी हो, वह ट्रॉयल बैलेंस (Trial Balance), प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट (Profit and Loss Accounts) और यहाँ तक कि बैलेंस शीट (Balance Sheet) भी इन अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पैकेजेस का प्रयोग करके तैयार कर सकता है।
मानव के ठीक विपरीत, कम्प्यूटर्स वो मशीन्स हैं जो बहुत अधिक कन्सिस्टेंट (Consistent) होती है अर्थात्
ये अविरोधी रूप में कार्य करती हैं। ये कभी बोर भी नहीं होती हैं। कम्प्यूटर कभी भी इस बात की शिकायत
नहीं करते हैं कि उन्हें हमेशा एक जैसा ही काम करना पड़ता है। अतः ये रिपीटीटिव (repetitive) और
वॉल्यूमिनस (voluminous) कार्य
को वर्ष के 365 दिन और 24 घंटे तक कर पाने के लिए एक आदर्श मशीन है।
स्टोरेज क्षमता (Storage Capacity)
एक बार रिकॉर्ड होने के बाद, सूचना का एक छोटा सा भाग भी भूला नहीं जाता है। (जब तक कि कोई समस्या न हो जाए) और कोई भी
सूचना प्राय: तुरंत ही प्राप्त की जा सकती है। आपको स्टोरेज क्षमता का आइडिया देने के लिए,
एक CDROM में एक पूरी
एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका (Encyclopedia
Britanica) आ सकती है या इससे भी अधिक। एक पूरी मूवी Movie) को | CD पर स्टोर करके रखा जा सकता है और इसे कम्प्यूटर पर बिना गड़बड़ी के बहुत बार चलाया जा सकता है।
फ्लेक्सिबिलिटी (Flexibility)
एक कम्प्युटर शायद पहली जनरल परपस (general purpose) मशीन है जिसे मानव ने बनाया था। अन्य सभी मशीन्स जैसे टेलीवीजन्स, रेफ्रीजरेटर, या टाइपराइटर्स, केवल एक ही काम करते हैं जिसके लिए उन्हें बनाया गया है। इनके ठीक विपरीत, एक कम्प्यूटर में म्यूजिक चल सकता है, इसे मूवीज़ देखी जा सकती हैं, लेटर्स टाइप किए जा सकते हैं, फैक्स भेज सकते हैं,
बीमारी को डायग्नोज़ (diagnose) कर सकते हैं, कॉम्प्लेक्स मैन्यूफैक्चरिंग
ऑपरेशन्स (complex manufacturing operations) में प्रॉबलम्स (समस्या ) को फ़िक्स कर सकते हैं, बिल्डिंग (building) और ब्रिजेस (bridges) को डिजाइन कर सकते हैं आदि। अन्य शब्दों में कहा जाए तो कम्प्यूटर के कार्यों में लचीलापन या फ्लेक्सिबिलिटी होती है।
नोट → कम्प्यूटर एक वर्साटाइल (versatile) मशीन है और इसका उपयोग केवल आपकी कल्पना (imagination) के द्वारा ही सीमित किया जा सकता है। आजकल के तेजी से विकसित होने वाले तकनीकी विश्व में, एक ऐसा एरिया हूँढना बहुत ही मुश्किल या शायद नामुमकिन ही होगा जहाँ कम्प्यूटर्स का प्रयोग हमारे फायदे के लिए नहीं होता हो।
कम्प्यूटर के बेसिक ऐप्लीकेशन्स(Basic Applications
कम्प्यूटर एक जनरल परपस टूल है, जो विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकता है। आप विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर पैकेजेस को बदल कर कम्प्यूटर को अलग अलग ऐप्लीकेशन्स के लिए प्रयोग कर सकते हैं।NOT →एक पेरोल (payroll) प्रिंट करने के लिए, प्रोग्राम या निर्देशों का एक सैट प्रयोग किया जा सकता है,
जबकि कुछ डिजाइन बनाने के लिए, उसी कम्प्यूटर का प्रयोग अलग निर्देशों का सैट प्रयोग करके किया जा सकता है।
कम्प्यूटर के कुछ कॉमन (common) उपयोग दिखाए गए हैं और इसकी जानकारी नीचे दी जा रही है।
विज्ञानिक रिसर्च (Scientific Research)
कम्प्यूटर का प्रयोग वैज्ञानिक रिसर्च में सबसे पहले किया गया। कम्प्यूटर की स्पीड एवं ऐक्यूरेसी ने वैज्ञानिक विश्लेषण को तेजी से करने में मदद की। कम्प्यूटर नियंत्रित रोबोट्सः (Computer Controlled Robots) का प्रयोग उन क्षेत्रों में होता है जहाँ मानव जीवन के लिए खतरा होता है। उदाहरण के लिए, कम्प्यूटर का प्रयोग नाभिकीय रिसर्च (Nuclear Research) और गहरे समुद्र की जाँच पड़ताल के लिए किया जाता है।आजकल कम्प्यूटर्स, यूनीवर्सिटीज़ में शिक्षा तकनीक का एक अहम् । हिस्सा हैं।
बिज़नेस ऐप्लीकेशन (Business Application)
कम्प्यूटर, मैनेजमेंट को बिज़नेस पोजीशन के बारे में डेड . टेक्स्ट और ग्राफ़िक रूप जैसे चाट्स, ग्रास आदि में तुरंट और बहुत - कीमत पर प्रदान करते हैं। इसलिए, मैनेजर्स, बिज़नेस से संबंधित नियम तरीके से एवं बिना किसी देरी के ले सकते हैं। कम्प्यूटर का प्रयोग करके मैनेजर्स सिमुलेशन (Simulation) या व्हाट इफ ऐनालिसिस (what if analysis) भी कर सकते हैं ताकि वे यह जान सके कि भविष्य में उनके इस निर्णय का असर बिज़नेस पर कैसा होगा।
मनोरंजन (Entertainment)
ई-मेल या इलेक्ट्रॉनिक मेल, जहाँ हम लंबे मैसेज (संदेश), रिपोर्ट्स आदि को विश्व में कहीं भी, बहुत सारे लोगों को, बहुत ही कम कीमत पर भेजने के लिए, एक कम्प्यूटर और एक टेलीफोन लाइन का प्रयोग करते हैं।
संदेशों को ट्रांसफर करने में ई-मेल के प्रयोग से समय एवं कागज की बचत होती है। इसके अलावा, जो व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक मैसेज प्राप्त करता है। वह इन्हें अपने पीसी पर सेव कर सकता है ताकि बाद में इनका प्रयोग कर सके, उन्हें पढ़ सकता है. उनका उत्तर दे सकता है, उन्हें
कम्प्यूटर्स का प्रयोग कम कीमत पर दूसरे देश के लोगों से टेलीफोन पर बात करने के लिए भी किया जाता है।
हम इसे इंटरनेट टेलीफ़ोनी (Internet Telephony) कहते हैं।
चिकित्सा (Medicine)
सर्जरी के दौरान रोबोट का कंट्रोल करने में सर्जन्स की मदद करने जैसे जटिल काम में भी होता है।
कम्प्यूटर हार्ट बीट (heart beat), ब्लडप्रेशर (bloodpressure) आदि को
मॉनिटर करने के लिए भी बनाए जाते हैं और ये मरीजों की हिस्ट्री भी मेन्टेन (maintain) करते हैं। कम्प्यूटर्स का प्रयोग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में, डिजाइन स्टेज (design stage) से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस
कंट्रोल (Manufacturing Process Control) में भी किया जाता है।
कम्प्यूटर एडेड डिज़ाइन (Computer Aided Design (CAD)), ने किसी भी मशीन को वास्तव
में बनाए बिना ही उसकी डिजाइननिंग (Designing),
टैस्टिंग (Testing) और मॉडिफाइंग (Modifying) को संभव बनाया है।
अब कोई भी व्यक्ति, अंतिम प्रोडक्शन का निर्णय लेने से पहले,
कम्प्यूटर जनरेटेड इमेज (computer generated image) पर उस मशीन को देख और सिमुलेट कर सकता है।
एक बार जब डिज़ाइन ऐक्सेप्ट हो जाती है, तो कम्प्यूटर ऐडेड
मैन्यूफैक्चरिंग (Computer Aided Manufacturing (CAM)) प्रक्रिया का प्रयोग करके,
कोई भी व्यक्ति इस तरह के प्रोडक्ट्स को बड़ी संख्या में, तेजी से और कम मेहनत के बना सकता है।
कम्प्यूटर्स का प्रयोग आर्किटेक्ट्स (Architects) द्वारा, बड़ी बिल्डिंग्स को ड्रॉ और डिजाइन करने तथा
ये भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदा को झेलने में समर्थ होंगे या नहीं, इस की जाँच करने में किया जाता है।
एक होने वाला मकान मालिक, यह भी अनुभव कर सकता है कि वह बिल्डिंग के अंदर एक रूम में है
और उसे अलग अलग एंगल्स (angles) से देख सकता है जिसमें अलग अलग प्रकार के फर्नीचर
अरेंजमेंट्स, (furniture arrangement) लाइटिंग और वॉल कलर्स (wall colours) आदि शामिल हैं।
इससे बिल्डिंग बनने के बाद यदि कोई भी डिजाइन में परिवर्तन चाहता है तो उससे बचा जा सकता है। |
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में, कम्प्यूटर्स का प्रयोग उन इंटीग्रेटेड सर्किट्स को डिजाइन और टैस्ट करने के लिए
होता है जिनका प्रयोग रेडियो, टीवी, खिलौनों एवं कम्प्यूटर्स में किया जाता है।
पुस्तक प्रकाशन (Book Publishing)
DTP या डेस्कटॉप पब्लिशिंग (Desk Top Publishing), कम्प्यूटर के कुशल उपयोग के कारण ही एक नया क्षेत्र बनाया गया।
DTP में एक कम्प्यूटर और एक लेजर प्रिंटर की मदद से कोई भी, पुस्तकों को आसानी से डिज़ाइन करके लिख सकता है।
आजकल DTP के प्रयोग से, देश के विभिन्न भागों में न्यूजपेपर्स (News Papers) को डिजाइन किया जाता है, इन्हें एक जगह पर प्रिंट किया जाता है और फिर इनका डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है ताकि ये हमें रोज सुबह मिल सके।
पुस्तक लिखने के कई कार्य जो पहले हाथ से किए जाते थे जैसे इंडेक्स बनाना आदि, और इनमें कई घंटे लगते थे, अब ऑटोमैटिक रूप से पर्सनल कम्प्यूटर और DTP सॉफ्टवेयर जैसे MS-Word की मदद से किए जा सकते हैं।
In Banks
कम्प्यूटर के उपयोग ने ही बैंक्स को उनके द्वारा दी जाने वाली कई सुविधाएँ बेहतर बनाने की अनुमति प्रदान की। अब कोई भी व्यक्ति ATM (ऑटोमैटेड टेलर मशीन) (Automated Teller Machines) का प्रयोग दिन के 24 घंटों में कभी भी कैश जमा करने और निकालने के लिए कर सकता है।
अब बैंक अकाउन्ट्स का पूरा बुककीपिंग (Bookkeeping) का काम कम्प्यूटर्स के द्वारा ही होता है।
अब डिपॉज़िट (Deposit), विथड्रॉअल (withdrawal), इंट्रेस्ट चार्जेस आदि के बारे में सूचना, कम्प्यूटर्स द्वारा ही मैनेज की जाती है।
जब बैंक की अलग अलग ब्रांचेज़ न्यूटर नेटवर्क के द्वारा कनेक्टेड होती हैं, तो इंटरब्रांच ट्रांजैक्शन (Interbranch Transaction) जैसे चैक्स की क्लीयरिंग, भी कम्प्यूटर्स द्वारा तुरंत की जा सकती है।
इसके अलावा यदि बैंक की ब्रांचेज़ इंटरकनेक्टेड होती हैं तो कोई भी व्यक्ति बैंक की किसी भी ब्रांच से पैसा निकाल सकता है या उसमें जमा करा सकता है।
गेम्स (Games)
ऐडवेंचर गेम्स, दूसरी मुख्य श्रेणी के कम्प्यूटर गेम्स हैं। इस तरह के गेम्स, लोकप्रिय गेम Dungeons and Dragons की तरह के होते हैं।
अन्य गेम्स आप को लॉजिकल डिडक्शन (logical deduction) का प्रयोग करके प्रॉबलम सॉल्व करने के लिए कहते हैं।
आप या तो एक मर्डर मिस्ट्री सॉल्व कर रहे होते हैं, या एक क्रेजी बर्ड के साथ लड़ रहे होते हैं। दोनों ही उदाहरणों में
आपको सोचना होगा कि आप क्या करने जा रहे हैं। अन्य प्रकार के कम्प्यूटर गेम्स में फुटबाल, क्रिकेट, कार्ड गेम्स आदि का सिमुलेशन शामिल हैं।
शिक्षा (Education)
कम्प्यूटर बेस्ड ट्रेनिंग (CBT), कम्प्यूटर असिस्टेड लर्निग (CAL) और कम्प्यूटर
असिस्टेड इन्स्ट्रक्शन (CAI) प्रोग्राम्स उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग करके, आप बेसिक से लेकर ऐडवांस्ड विषय जैसे मैथ्स (Maths), फिजिक्स (Physics), बायोलॉजी (Biology) आदि सीख सकते हैं।
रिसर्चर्स (शोधकर्ताओं) का ये विश्वास है कि जब एक नया कॉन्सेप्ट स्टूडेंट्स के सामने,
एक कम्प्यूटर से ऑडियो-वीडियो माध्यम के द्वारा लाया जाता है तो वे उस विषय को बेहतर तरीके से और जल्दी सीख सकते हैं।
पर्सनल (Personal)
यह पैकेज इन्कम, इंट्रेस्ट, इन्श्यारेंस आदि को कैलकुलेट करने एवं पेमेंट्स के लिए चैक्स फिल करने तथा इन्कम टैक्स कैलकुलेशन्स में मदद करते हैं।
अकाउंटिंग (Accounting)
स्पेशलाइज्ड प्रोग्राम्स जैसे Tally 9, आदि उपलब्ध हैं जो कम्पनी के फाइनेन्शियल अकाउंट्स (Financial Accounts) और इन्वेंट्री मैनेजमेंट (Inventory Management) को हैंडल करते हैं।
कम्प्यूटर्स के प्रयोग से, अकाउंट्स मेंटेन करने का काम बहुत आसान हो गया है।
एक ऑपरेटर जिसे थोड़ी भी अकाउंटिंग की जानकारी हो, वह ट्रॉयल बैलेंस (Trial Balance), प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट (Profit and Loss Accounts) और यहाँ तक कि बैलेंस शीट (Balance Sheet) भी इन अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पैकेजेस का प्रयोग करके तैयार कर सकता है।
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